Tag: Sun

Ashok Vajpeyi

प्यार करते हुए सूर्य-स्मरण

यह कविता यहाँ सुनें: https://youtu.be/yUBaa56oly8 जब मेरे होठों पर तुम्हारे होंठों की परछाइयाँ झुक आती हैं और मेरी उँगलियाँ तुम्हारी उँगलियों की धूप में तपने लगती हैं तब सिर्फ़ आँखें हैं जो...
Rag Ranjan

उसने मुझे पीला रंग सिखाया

उसने मुझे पीला रंग सिखाया और मुझे दिखायी दिए जीवन के धूसर रंगों के बीचोबीच रू ब रू दो दहकते हुए पीले सूर्यमुखी एक से दूसरे के...
Paash

मैं पूछता हूँ आसमान में उड़ते हुए सूरज से

मैं पूछता हूँ आसमान में उड़ते हुए सूरज से क्या वक़्त इसी का नाम है कि घटनाएँ कुचलती हुई चली जाएँ मस्त हाथी की तरह एक समूचे मनुष्य...

सन्नाटा

कलरव घर में नहीं रहा, सन्नाटा पसरा है, सुबह-सुबह ही सूरज का मुँह उतरा-उतरा है। पानी ठहरा जहाँ, वहाँ पर पत्थर बहता है, अपराधी ने देश बचाया हाकिम कहता...
Sarveshwar Dayal Saxena

सूरज को नहीं डूबने दूँगा

अब मैं सूरज को नहीं डूबने दूँगा। देखो मैंने कंधे चौड़े कर लिए हैं मुट्ठियाँ मज़बूत कर ली हैं और ढलान पर एड़ियाँ जमाकर खड़ा होना मैंने सीख लिया...
Ram Dayal Munda

राम दयाल मुण्डा की कविताएँ

सूखी नदी/भरी नदी सूखी नदी एक व्यथा-कहानी जब था पानी तब था पानी! भरी नदी एक सीधी कहानी ऊपर पानी, नीचे पानी। विरोध उसे बाँधकर ले जा रहे थे राजा के सेनानी और नदी छाती पीटकर...
Bharat Bhushan Agrawal

निर्विकल्प

इसने नारे की हवाई छोड़ी उसने भाषण की चर्खी तीसरे ने योजना की महताब चौथे ने सेमिनार का अनार पाँचवें ने बहस के पटाखों की लड़ी छठे ने प्रदर्शन की...
Sun

शाम

'Shaam', Hindi Kavita by Abhishant 1. अन्त में उतर जाता है ताप किरणों का धूप पड़ जाती है नर्म धीरे-धीरे सूरज भी मुलायम मन से शाम-रंग का अंगोछा उठाये चल...
Stars

बात और जज़्बात

1 हर तारा यही कहता है काली रात से कि थमी रहो चमकना है कुछ देर अभी और...! 2 हर रोज़ सवेरे मैं उजालों को पहन लेता हूँ और निखार लेता हूँ खुद...
Hariaudh

जागो प्यारे

उठो लाल अब आँखें खोलो, पानी लायी हूँ, मुँह धो लो बीती रात कमल दल फूले, उनके ऊपर भँवरे डोले चिड़िया चहक उठी पेड़ पर, बहने लगी हवा अति सुन्दर नभ में...
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