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प्यार करते हुए सूर्य-स्मरण
यह कविता यहाँ सुनें:
https://youtu.be/yUBaa56oly8
जब मेरे होठों पर
तुम्हारे होंठों की परछाइयाँ झुक आती हैं
और मेरी उँगलियाँ
तुम्हारी उँगलियों की धूप में तपने लगती हैं
तब सिर्फ़ आँखें हैं
जो...
उसने मुझे पीला रंग सिखाया
उसने मुझे पीला रंग सिखाया
और मुझे दिखायी दिए जीवन के धूसर रंगों के बीचोबीच
रू ब रू दो दहकते हुए पीले सूर्यमुखी
एक से दूसरे के...
मैं पूछता हूँ आसमान में उड़ते हुए सूरज से
मैं पूछता हूँ आसमान में उड़ते हुए सूरज से
क्या वक़्त इसी का नाम है
कि घटनाएँ कुचलती हुई चली जाएँ
मस्त हाथी की तरह
एक समूचे मनुष्य...
सन्नाटा
कलरव घर में नहीं रहा, सन्नाटा पसरा है,
सुबह-सुबह ही सूरज का मुँह उतरा-उतरा है।
पानी ठहरा जहाँ, वहाँ पर
पत्थर बहता है,
अपराधी ने देश बचाया
हाकिम कहता...
सूरज को नहीं डूबने दूँगा
अब मैं सूरज को नहीं डूबने दूँगा।
देखो मैंने कंधे चौड़े कर लिए हैं
मुट्ठियाँ मज़बूत कर ली हैं
और ढलान पर एड़ियाँ जमाकर
खड़ा होना मैंने सीख लिया...
राम दयाल मुण्डा की कविताएँ
सूखी नदी/भरी नदी
सूखी नदी
एक व्यथा-कहानी
जब था पानी
तब था पानी!
भरी नदी
एक सीधी कहानी
ऊपर पानी, नीचे पानी।
विरोध
उसे बाँधकर ले जा रहे थे
राजा के सेनानी
और नदी
छाती पीटकर...
निर्विकल्प
इसने नारे की हवाई छोड़ी
उसने भाषण की चर्खी
तीसरे ने योजना की महताब
चौथे ने सेमिनार का अनार
पाँचवें ने बहस के पटाखों की लड़ी
छठे ने प्रदर्शन की...
शाम
'Shaam', Hindi Kavita by Abhishant
1.
अन्त में उतर जाता है ताप किरणों का
धूप पड़ जाती है नर्म धीरे-धीरे
सूरज भी मुलायम मन से
शाम-रंग का अंगोछा उठाये
चल...
बात और जज़्बात
1
हर तारा
यही कहता है
काली रात से
कि थमी रहो
चमकना है
कुछ देर अभी और...!
2
हर रोज़ सवेरे मैं उजालों को
पहन लेता हूँ और निखार लेता हूँ खुद...
जागो प्यारे
उठो लाल अब आँखें खोलो,
पानी लायी हूँ, मुँह धो लो
बीती रात कमल दल फूले,
उनके ऊपर भँवरे डोले
चिड़िया चहक उठी पेड़ पर,
बहने लगी हवा अति सुन्दर
नभ में...