Tag: Translated by Puneet Kusum

Erich Fried

एरिश फ़्रीड की कविता ‘यह जो है’

Poem: 'What It Is' - Erich Fried अनुवाद: पुनीत कुसुमयह बकवास है तर्क कहता है जो है, सो है कहता है प्रेमयह आपदा है आकलन कहता है यह दर्द के सिवा...
Tadeusz Rozewicz

तादेऊष रूज़ेविच की कविता ‘गवाह’

'Witness', a poem by Tadeusz Różewicz अनुवाद: पुनीत कुसुममेरे दोस्त, तुम जानते हो मैं अन्दर हूँ लेकिन यूँ अचानक मत घुस आओ मेरे कमरे मेंसम्भव है...
Maya Angelou

माया एंजेलो की कविता ‘सीख’

'The Lesson', a poem by Maya Angelou अनुवाद: पुनीत कुसुममैं बार-बार मरती हूँ, नसें सिकुड़ती हैं, खुलती हैं जैसे सोते हुए बच्चों की छोटी-छोटी मुट्ठियाँ, जीर्ण क़ब्रों, सड़े-गले हाड़-माँस,...
Naomi Shihab Nye

नेओमी शिहैब नाय की कविता ‘अप्रत्यक्ष कविता’

'Hidden Poem' - Naomi Shihab Nye अनुवाद: पुनीत कुसुमयदि फ़र्न के पौधे को तुम रख दो एक पत्थर के नीचे अगले दिन वह लगभग ग़ायब हो...
The Book of Questions - Pablo Neruda

नेरूदा के सवालों से बातें – IV

अनुवाद: पुनीत कुसुम स्वर्ग में, एक गिरिजाघर है हर एक उम्मीद के लिए और हर उस उम्मीद के लिए जो अधूरी रही, एक गिरिजाघर है शार्क नहीं करती...
The Book of Questions - Pablo Neruda

सवालों की किताब – IV

अनुवाद: पुनीत कुसुम कितने गिरिजाघर हैं स्वर्ग में? शार्क मछली क्यों नहीं करती आक्रमण निर्लज्ज जलपरियों पर? क्या धुंध करती है बातें बादलों से? क्या यह सच है कि...
The Book of Questions - Pablo Neruda

नेरूदा के सवालों से बातें – III

अनुवाद: पुनीत कुसुम मैं बताती हूँ, न ही गुलाब नग्न है, न पहने हैं कपड़े गुलाब ने लेकिन केवल इंसान का दिल ही कर सकता है...
Pablo Neruda

सवालों की किताब – III

अनुवाद: पुनीत कुसुम बताओ मुझे, क्या गुलाब नग्न है या यही उसकी एकमात्र पोशाक है? क्यों छिपाते हैं वृक्ष अपनी जड़ों का वैभव? कौन सुनता है चोर मोटरगाड़ियों के पछतावे? बारिश...
Kahlil Gibran

एस्केप

जब भी तुम किसी आदमी को जेल जाते हुए देखो, अपने दिल में सोचना- "शायद वह एक और अधिक सँकरी जेल से भाग रहा है!"और जब भी तुम...
The Book of Questions - Pablo Neruda

नेरूदा के सवालों से बातें

अनुवाद: पुनीत कुसुमनेरूदा के सवालों से बातें - IIIनेरूदा के सवालों से बातें - IV
Franz Kafka

गली की तरफ खुलती खिड़की

"कोई भी व्यक्ति जो अकेला जीवन जीता है और फिर भी यदा-कदा कहीं जुड़े रहना चाहता है - वह अधिक समय तक एक ऐसी खिड़की के बगैर नहीं रह पाएगा जो बाहर गली में खुलती हो।"
The Book of Questions - Pablo Neruda

सवालों की किताब – II

अनुवाद: पुनीत कुसुम यदि मैं मर गया हूँ और इस बात से अनजान हूँ तो वक़्त मैं पूछूँ किससे भला? फ्रांस में, बसन्त कहाँ से पा जाता है...

STAY CONNECTED

42,514FansLike
20,941FollowersFollow
28,962FollowersFollow
2,080SubscribersSubscribe

RECENT POSTS

Chen Chien-wu

चेन च्येन वू की कविताएँ

ताइवान के नांताऊ शहर में सन् 1927 में जन्मे कवि चेन च्येन वू मंदारिन, जापानी और कोरियाई भाषाओं में पारंगत कवि हैं। अपने कई...
Ekaterina Grigorova

बुल्गारियाई कवयित्री एकैटरीना ग्रिगरोवा की कविताएँ

अनुवाद: पंखुरी सिन्हा सामान्यता मुझे बाल्टिक समुद्र का भूरा पानी याद है! 16 डिग्री तापमान की अनंत ऊर्जा का भीतरी अनुशासन!बदसूरत-सी एक चीख़ निकालती है पेट्रा और उड़ जाता है आकाश में बत्तखों...
Naomi Shihab Nye

नेओमी शिहैब नाय की कविता ‘जो नहीं बदलता, उसे पहचानने की कोशिश’

नेओमी शिहैब नाय (Naomi Shihab Nye) का जन्म सेंट लुइस, मिसौरी में हुआ था। उनके पिता एक फ़िलिस्तीनी शरणार्थी थे और उनकी माँ जर्मन...
Vinita Agrawal

विनीता अग्रवाल की कविताएँ

विनीता अग्रवाल बहुचर्चित कवियित्री और सम्पादक हैं। उसावा लिटरेरी रिव्यू के सम्पादक मण्डल की सदस्य विनीता अग्रवाल के चार काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके...
Gaurav Bharti

कविताएँ: अगस्त 2022

विस्मृति से पहले मेरी हथेली को कैनवास समझ जब बनाती हो तुम उस पर चिड़िया मुझे लगता है तुमने ख़ुद को उकेरा है अपने अनभ्यस्त हाथों से।चारदीवारी और एक...
Nicoleta Crăete

रोमानियाई कवयित्री निकोलेटा क्रेट की कविताएँ

अनुवाद: पंखुरी सिन्हा औंधा पड़ा सपना प्यार दरअसल फाँसी का पुराना तख़्ता है, जहाँ हम सोते हैं! और जहाँ से हमारी नींद, देखना चाह रही होती है चिड़ियों की ओर!मत...
Daisy Rockwell - Geetanjali Shree

डेज़ी रॉकवेल के इंटरव्यू के अंश

लेखक ने अपनी बात कहने के लिए अपनी भाषा रची है, इसलिए इसका अनुवाद करने के लिए आपको भी अपनी भाषा गढ़नी होगी। —डेज़ी...
Kalam Ka Sipahi - Premchand Jeevani - Amrit Rai

पुस्तक अंश: प्रेमचंद : कलम का सिपाही

भारत के महान साहित्यकार, हिन्दी लेखक और उर्दू उपन्यासकार प्रेमचंद किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। प्रेमचंद ने अपने जीवन काल में कई रचनाएँ...
Priya Sarukkai Chabria

प्रिया सारुकाय छाबड़िया की कविताएँ

प्रिया सारुकाय छाबड़िया एक पुरस्कृत कवयित्री, लेखिका और अनुवादक हैं। इनके चार कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं जिनमें नवीनतम 'सिंग ऑफ़ लाइफ़ रिवीज़निंग...
aadhe adhoore mohan rakesh

आधे-अधूरे : एक सम्पूर्ण नाटक

आधे-अधूरे: एक सम्पूर्ण नाटक समीक्षा: अनूप कुमार मोहन राकेश (1925-1972) ने तीन नाटकों की रचना की है— 'आषाढ़ का एक दिन' (1958), 'लहरों के राजहंस' (1963)...
कॉपी नहीं, शेयर करें! ;)