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खलील जिब्रान – ‘नास्तिक’
खलील जिब्रान की किताब 'नास्तिक' से उद्धरण | Quotes from 'Nastik', a book by Kahlil Gibran
चयन: पुनीत कुसुम
"मेरा कोई शत्रु नहीं है, पर भगवान,...
सच
आपके मानने या न मानने से
सच को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता
इन दुखते हुए अंगों पर सच न एक जून भुगती है
और हर सच जून...
फ़ैसला, सच, बीमारी
फ़ैसला
मुक़दमे का पहला दिन
अभियुक्त पर
आरोपों के तय किए जाने का दिन थादूसरा दिन
गवाहों के बयानों को दर्ज करने
और सबूतों की पड़ताल का थामुक़दमे का तीसरा...
कविताएँ — जुलाई 2020
शहर
1किसी पुराने शहर की
गलियों के पत्थर उखड़ने लगे हैं
कुछ बदरंग इमारतें ढह गई हैंबेवश एक बुज़ुर्ग
आसमान देखता है
और अपनी
मौत का इंतज़ार करता है
उस बुज़ुर्ग की...
जसवीर त्यागी की कविताएँ
प्रकृति सबक सिखाती है
घर के बाहर
वक़्त-बेवक़्त
घूम रहा था
विनाश का वायरस
आदमी की तलाश मेंआदमी
अपने ही पिंजरे में क़ैद थाप्रकृति, पशु-पक्षी
उन्मुक्त होकर हँस रहे थेपरिवर्तन का पहिया
घूमता...
निर्विकल्प
इसने नारे की हवाई छोड़ी
उसने भाषण की चर्खी
तीसरे ने योजना की महताब
चौथे ने सेमिनार का अनार
पाँचवें ने बहस के पटाखों की लड़ी
छठे ने प्रदर्शन की...
एक सत्य
'Ek Satya', a poem by Anupama Jhaजब
लिखी जाती है कविता
गौर वर्णा स्त्रियों पर,
पहनायी जाती है शब्दों से
रंग-बिरंगी चूड़ियाँ
गोरी कलाइयों पर,
विशेषणों में लग जाती है होड़
सँवारने...
भ्रम, सच, भेंट
Poems: Gaurav Bharti
भ्रम
द्वारका सेक्टर-तीन के
तिरंगा चौक ट्रैफ़िक सिग्नल पर
अगरबत्तियाँ बेचती बच्चियाँ
खटखटाती हैं कार के मोटे ग्लास वाली खिड़की
जो कभी नहीं सरकतीमैं डीटीसी बस की एक सीट...
अनन्त सम्भावनाओं का अन्तिम सच
'Anant Sambhaavnaaon Ka Antim Sach', Hindi poem by Harshita Panchariyaपिता, अनन्त के विस्तार
के अन्तिम छोर में,
शून्यता समेटे
वह ठोस ग्रह है
जो वास्तव में
तरलता से निर्मित है।पिता,...
यही सच है
"मुझे डर है कि जिस आधार पर मैं तुमसे नफरत करती थी, उसी आधार पर कहीं मुझे अपने से नफरत न करनी पड़े।"
सच?
क्या सच वही है जो दिखता है?
क्या सच वही है जो सुनता है?
क्या सच वही है जो झूठ नहीं है?
क्या सच का वर्ण-रूप नहीं...
सच यही है
'Sach Yahi Hai', a poem by Mohandas Naimishraiसच यही हैमंदिर में आरती गाते हुए भी
नज़दीक की
मस्जिद तोड़ने की लालसा
हमारे भीतर जागती रहती है
और मस्जिद में...