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द्वारका भारती की कविताएँ
द्वारका भारती पंजाबी भाषा के सुपरिचित कवि, लेखक व उपन्यासकार हैं और पिछले कई सालों से पंजाबी दलित साहित्य आन्दोलन का नेतृत्व कर रहे...
राहुल तोमर की कविताएँ
प्रतीक्षा
उसकी पसीजी हथेली स्थिर है
उसकी उँगलियाँ किसी
बेआवाज़ धुन पर थिरक रही हैंउसका निचला होंठ
दाँतों के बीच नींद का स्वाँग भर
जागने को विकल लेटा हुआ...
तुम पुकार दो
दिन ढला
पक्षी लौट रहे अपने-अपने नीड़
सूर्य का रथ अस्ताचल की ओर,
वह नहीं आयी।
उसकी प्रतीक्षा में फिर फिर लौटा उसका नाम
कण्ठ शून्य में पुकार, निराशा...
प्यार करते हुए सूर्य-स्मरण
यह कविता यहाँ सुनें:
https://youtu.be/yUBaa56oly8जब मेरे होठों पर
तुम्हारे होंठों की परछाइयाँ झुक आती हैं
और मेरी उँगलियाँ
तुम्हारी उँगलियों की धूप में तपने लगती हैं
तब सिर्फ़ आँखें हैं
जो...
प्रतीक्षा की समीक्षा
पत्र कई आए
पर जिसको आना था
वह नहीं आया,
व्यंग्य किए चली गई धूप और छाया।सहन में फिर उतरा पीला-सा हाशिया
साधों पर पाँव धरे चला गया...
घर में अकेली औरत के लिए
तुम्हें भूल जाना होगा समुद्र की मित्रता
और जाड़े के दिनों को
जिन्हें छल्ले की तरह अँगुली में पहनकर
तुमने हवा और आकाश में उछाला था,
पंखों में बसन्त...
अनायास
फिर भी कभी चला जाऊँगा उसी दरवाज़े तक अनायास जैसे,
उस अँधियारे गलियारे में कोई अब तक रहता हो।
फिर भी, दीवार की कील पर अटका...
इतना मालूम है
अपने बिस्तर पे बहुत देर से मैं नीम-दराज़
सोचती थी कि वो इस वक़्त कहाँ पर होगा
मैं यहाँ हूँ मगर उस कूचा-ए-रंग-ओ-बू में
रोज़ की तरह...
विराग की कविताएँ
प्रतीक्षा हमारे ख़ून में है
जिन दिनों हम गर्भ में थे
सरकारी अस्पताल की लाइन में लगी रहती माँ
और डॉक्टर लंच के लिए उठ जाता, कहते...
तू नहीं आया
चैत ने करवट ली, रंगों के मेले के लिए
फूलों ने रेशम बटोरा—तू नहीं आयादोपहरें लम्बी हो गईं, दाखों को लाली छू गई
दराँती ने गेहूँ...
लूनी नदी
'Looni Nadi', a poem by Deepak Jaiswalअमूमन नदियाँ समंदर में जाकर मिल जाती हैं—
पूर्णता को धारण करते हुए
एक सुंदर जीवन जीते हुए।लेकिन कुछ नदियों...
प्रतीक्षा
'Prateeksha', Hindi Kavita by Rashmi Saxenaसमुद्र की सभी लहरें
शंकाओ से घिरी
प्रेमिकाएँ हैं जो आ-आकर
तटों पर टहलतीं और
लौट जातीं
प्रेमी के वापस आने की
आस मेंसाँसों की भट्टी...