Tag: Wali Deccani
सोहबत-ए-ग़ैर-मूं जाया न करो
सोहबत-ए-ग़ैर-मूं जाया न करो
दर्द-मंदाँ कूँ कुढ़ाया न करो
हक़-परस्ती का अगर दावा है
बे-गुनाहाँ कूँ सताया न करो
अपनी ख़ूबी के अगर तालिब हो
अपने तालिब कूँ जलाया...
याद करना हर घड़ी उस यार का
याद करना हर घड़ी उस यार का
है वज़ीफ़ा मुझ दिल-ए-बीमार का
आरज़ू-ए-चश्मा-ए-कौसर नईं
तिश्ना-लब हूँ शर्बत-ए-दीदार का
आक़िबत क्या होवेगा मालूम नईं
दिल हुआ है मुब्तिला दिलदार का
क्या...