Tag: Women Education
वो उतना ही पढ़ना जानती थी
वो उतना ही पढ़ना जानती थी
जितना अपना नाम लिख सकेस्कूल उसको मज़दूरों के काम
करने की जगह लगती थी
जहाँ वे माचिस की डिब्बियों
की तरह बनाते थे...
बाहरी स्वाधीनता और स्त्रियाँ
अब वह समय नहीं रहा कि हम स्त्रियों के सामने वह रूप रक्खें, जिसके लिए गोस्वामी तुलसीदासजी ने 'चित्र-लिखे कपि देखि डेराती' लिखा है।...
लिखने की सार्थकता
रुचि की कविता 'लिखने की सार्थकता' | 'Likhne Ki Saarthakta', a poem by Ruchiलिखने की सार्थकता जानी थी उन गँवार औरतों ने,
जब अपना नाम...
चम्पा काले-काले अक्षर नहीं चीन्हती
चम्पा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती
मैं जब पढ़ने लगता हूँ, वह आ जाती है
खड़ी-खड़ी चुपचाप सुना करती है
उसे बड़ा अचरज होता है:
इन काले चिन्हों से...