Tag: Women Education

Girl reading a book, School, Kid

वो उतना ही पढ़ना जानती थी

वो उतना ही पढ़ना जानती थी जितना अपना नाम लिख सके स्कूल उसको मज़दूरों के काम करने की जगह लगती थी जहाँ वे माचिस की डिब्बियों की तरह बनाते थे...
Suryakant Tripathi Nirala

बाहरी स्वाधीनता और स्त्रियाँ

अब वह समय नहीं रहा कि हम स्त्रियों के सामने वह रूप रक्खें, जिसके लिए गोस्वामी तुलसीदासजी ने 'चित्र-लिखे कपि देखि डेराती' लिखा है।...
Smiling Indian Woman

लिखने की सार्थकता

रुचि की कविता 'लिखने की सार्थकता' | 'Likhne Ki Saarthakta', a poem by Ruchi लिखने की सार्थकता जानी थी उन गँवार औरतों ने, जब अपना नाम...
Trilochan

चम्पा काले-काले अक्षर नहीं चीन्हती

चम्पा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती मैं जब पढ़ने लगता हूँ, वह आ जाती है खड़ी-खड़ी चुपचाप सुना करती है उसे बड़ा अचरज होता है: इन काले चिन्हों से...
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