‘Toot-Phoot’, Hindi Kavita by Rakhi Singh
आज फिर एक और गमला टूट गया…
घर बदलने के बाद से
बन्द हो गया है चिड़ियों का आना
हालाँकि उनके लिए दानों के प्रलोभन
बदस्तूर जारी हैं
कुछ थकान रही, कुछ अनमनापन
कुछ गमले टूट-फूट गए
मिट्टी अपनी धूप न दिखाने की अना में रही
फूल भी खिलने कम हो गए हैं
घरवालों ने तसल्ली दी
सब हो जाएगा पहले जैसा
मेरी दृष्टि गिरकर चूर हुए
गमले पर अटकी रही
सीमेंट का गमला,
मिट्टी का मनुष्य न हुआ
यदि होता तो हर टूट इसे और दृढ़ बनाती
मैं टूटे टुकड़े बुहारकर फेंकते हुए सोच रही हूँ
हर बिखराव अनावश्यक है
दृढ़ता उपयोगी है
गमले की इस टूटन ने मुझे मेरी
कमियों से इतर सोचने की प्रेरणा दी
सुबह-सुबह गमले के टूटने की घटना ने मुझे अव्यवस्थित कर दिया
अब हँसी आ रही है
यह अच्छा है कि हममें
स्वयं पर हँस सकने जितनी मूर्खतापूर्ण मासूमियत बची रहे
बहरहाल मैंने अपने मोबाइल की स्क्रीन पर
सुन्दर फूलों से भरा वॉलपेपर सेट कर रखा है
मैसेज टोन में चिड़ियों की चहचहाहट सुनाई देती है।
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