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वही तो नहीं रहने देगा
कविता संग्रह 'कहीं नहीं वहीं' से
प्रेम वही तो नहीं रहने देगा
उसके शरीर की लय को,
उसके लावण्य की आभा को
उसके नेत्रों के क्षितिज ताकते एकान्त...
स्त्री से बात
स्त्री से बात करने के लिए
निश्चित तौर पर
तुम में सलीक़ा होना चाहिए
फिर सीखो
उसे सुनते जाना
उसकी चुप्पी के आयाम तक
सीखो ख़ुद भी बातें बनाना
कभी चुप हो...
इंसाफ़ का तराज़ू जो हाथ में उठाए
इंसाफ़ का तराज़ू जो हाथ में उठाए
जुर्मों को ठीक तोले
ऐसा न हो कि कल का इतिहासकार बोले
मुजरिम से भी ज़ियादा
मुंसिफ़ ने ज़ुल्म ढाया
कीं पेश...
क्योंकि मैं
क्योंकि मैं
यह नहीं कह सकता
कि मुझे उस आदमी से कुछ नहीं है
जिसकी आँखों के आगे
उसकी लम्बी भूख से बढ़ी हुई तिल्ली
एक गहरी मटमैली पीली...
कू-ब-कू फैल गई बात शनासाई की
कू-ब-कू फैल गई बात शनासाई की
उसने ख़ुशबू की तरह मेरी पज़ीराई की
कैसे कह दूँ कि मुझे छोड़ दिया है उसने
बात तो सच है मगर...
अपर्याप्त
क्रोध का हलाहल इतना व्याप्त था कि
उसका सम्पूर्ण अस्तित्व हो गया था विषमय
मेरे पास थी सिर्फ़ एक बूँद मिठास
चाहा था उसे सागर में घोलना
उसे मीठा करना
पर...
ओरहान वेली की दो कविताएँ
कविताएँ: ओरहान वेली
अनुवाद: देवेश पथ सारिया
मेरी पूर्व पत्नी
हर रात तुम मेरे सपनों में आती हो
हर रात मैं तुम्हें साटन की सफ़ेद चादर पर देखता...
मानव कौल – ‘अंतिमा’
मानव कौल के उपन्यास 'अंतिमा' से उद्धरण | Quotes from 'Antima' by Manav Kaul
चयन व प्रस्तुति: पुनीत कुसुम
"बहुत वक़्त तक मैं मेरे भीतर की...
‘क’ से ‘कमल’, ‘क’ से ‘कश्मीर’
'क' से 'कमल' वाले इस देश में
'क' से 'कश्मीर' भी हो सकता है
पर उसके लिए आँखों को
थोड़ा सजल करना होगा
हृदय में उतरना होगा
दिमाग़ की परतों...
किताब अंश: ‘कौन हैं भारत माता?’ – पुरुषोत्तम अग्रवाल
राष्ट्र और राष्ट्रवाद को लेकर देश में लगातार चल रही बहसों के बीच राजकमल प्रकाशन ने 'कौन हैं भारत माता' पुस्तक प्रकाशित की है।...