एक छोटे बच्चे को
हाथ के इशारे से
सुदूर एक जगह दिखायी गई
जहाँ असम्भव घटित होता है
जहाँ नभ चूम लेता है धरा के माथे को
बच्चों को कहाँ पता
कि छलावा है यह, सच्चाई नहीं
बड़े होने पर एक सवाल करेंगे
धरा और नभ की
जुदाई का सबब क्या है?
वह बच्चा
छलावे के प्रति चमकृत होने को दौड़ पड़ता है
तुम्हारे प्रेम में
मैं एक छोटा बच्चा होने की ख़्वाहिश रखता हूँ
जो दौड़ पड़े
उस सच के लिए जो उसका अपना हो
मतलब क्या उसको ज़माने से!
यह भी पढ़ें: ‘हमें सज़ा किस बात की सुनायी जाए?’