कमला सुरय्या, पूर्व नाम कमला दास (31 मार्च 1934- 31 मई 2009) अँग्रेजी व मलयालम भाषा की भारतीय लेखिका थीं। वे मलयालम भाषा में माधवी कुटटी के नाम से लिखती थीं। उन्हें उनकी आत्मकथा ‘माई स्टोरी’ से अत्यधिक प्रसिद्धि मिली।
तुम मेरे पास रहो
मेरे क़ातिल, मेरे दिलदार, मेरे पास रहो
जिस घड़ी रात चले,
आसमानों का लहू पी के सियह रात चले
मरहम-ए-मुश्क लिए, नश्तर-ए-अल्मास लिए
बैन करती हुई, हँसती...
चकमक, जनवरी 2021 अंक से
कविता: सुशील शुक्ल
नीम तेरी डाल
अनोखी है
लहर-लहर लहराए
शोखी है
नीम तेरे पत्ते
बाँके हैं
किसने तराशे
किसने टाँके हैं
नीम तेरे फूल
बहुत झीने
भीनी ख़ुशबू
शक्ल से पश्मीने
नीम...
कहो तो
'इन्द्रधनुष'
ख़ून-पसीने को बिना पोंछे
दायीं ओर भूख से मरते लोगों का
मटमैले आसमान-सा विराट चेहरा
बायीं ओर लड़ाई की ललछौंही लपेट में
दमकते दस-बीस साथी
उभरकर आएगा ठीक तभी
सन्नाटे...