मेरी डायरी के पृष्ठ पर
बस तुम्हारी बात होगी
मेरे किस्से में कोई
तुम सफल किरदार होगी
यदि प्रेमिका मेरी बनोगी

हम लेखकों ने ही सिखायी
दिल की बातें बोल पाना
बस में कहाँ दुनिया के वरना
कल्पना में उतर पाना
दुनिया जहाँ निःशब्द होगी
तुम वहां विस्तृत रहोगी
यदि प्रेमिका मेरी बनोगी

किसी कवि में जो उतर गयी
मानो तुम संवर गयी
शब्द जो तुम पर गढ़ूँगा
दुनिया उसे खुद में बुनेगी
यदि प्रेमिका मेरी बनोगी

वक्त तो गुजरेगा जाने
कब कहाँ क्या रंग लाये
पर याद रखना बात मेरी
कभी तुम यदि संग आए
मेरी लेखनी के साथ ही
तुम भी सदा चर्चित रहोगी
यदि प्रेमिका मेरी बनोगी

कागजों की बांहों में
लिपटी रहेंगी पंक्तियाँ
मेरी उँगलियों पर स्याहियां
तेरे होंठ पर फिर उँगलियाँ
होली तेरी हर पल रहेगी
तुम उँगलियाँ जब जब छुओगी
यदि प्रेमिका मेरी बनोगी

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Kavi Sandeep Dwivedi
ये बारिशें चलती रहेंगी भीगना फिर भी तुम्हें है.. Poet , Storyteller, Mechanical Engineer

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