झुम्पा लाहिड़ी के उद्धरण | Quotes by Jhumpa Lahiri in Hindi
अनुवाद: अर्चना कंसल

“किसी किताब का पहला वाक्य हाथ मिलाने जैसा होता है, या शायद एक आलिंगन जैसा।”

 

“किताबों की यही ख़ासियत है। वे आपको बिना आपके पाँव हिलाए यात्रा कराती हैं।”

 

“एक तकिया और कम्बल बाँधो और जितना हो सके दुनिया को देखो, आपको इसका अफ़सोस नहीं होगा।”

 

“याद करो कि तुमने और मैंने यह यात्रा उस जगह तक साथ तय की थी, जहाँ से आगे कहीं नहीं जाया जा सकता था।”

 

“किताबें सबसे अच्छा माध्यम हैं—व्यक्तिगत, विचारशील, विश्वसनीय—यथार्थ को जीतने का।”

 

“कल्पना ही एकमात्र तरीक़ा मैं जानती हूँ जिससे एक इंसान दूसरे इंसान के मस्तिष्क में वास कर सकता है।”

 

“उसके पास अपने जीवन को स्वीकार करने की प्रतिभा है।”

 

“ख़त्म होते रहस्यों की दुनिया में, ‘अज्ञात’ क़ायम रहता है।”

 

“जितना अधिक मैं अपूर्ण महसूस करती हूँ, उतनी ही अधिक सजीव!”

Book by Jhumpa Lahiri:

झुम्पा लाहिड़ी
झुम्पा लाहिड़ी (11 जुलाई 1967, को जन्म) एक भारतीय अमेरिकी लेखिका हैं। भारतीय अमेरिकी लेखक झुम्पा लाहिड़ी को लघु कथा में उत्कृष्टता के लिए 2017 पीएएन / मालामुद अवॉर्ड के प्राप्तकर्ता के रूप में घोषित किया गया है। लाहिड़ी के प्रथम लघु कथा संग्रह, इंटरप्रेटर ऑफ़ मैलडीज़ (1999) को 2000 में उपन्यास के पुलित्जर पुरस्कार सम्मानित किया गया और उनके पहले उपन्यास द नेमसेक (2003) पर आधारित उसी नाम की एक फिल्म बनाई गयी।