Tag: 26th January
ठिठुरता हुआ गणतंत्र
"रेडियो टिप्पणीकार कहता है - 'घोर करतल-ध्वनि हो रही है।'
मैं देख रहा हूँ, नहीं हो रही है। हम सब तो कोट में हाथ डाले बैठे हैं। बाहर निकालने का जी नहीं हो रहा है। हाथ अकड़ जाएँगे। लेकिन हम नहीं बजा रहे हैं, फिर भी तालियाँ बज रहीं हैं।"