Tag: A poem for farmers

Farmers

हरहू

'Harahu', a poem by Anupama Mishra उबला हुआ मौसम सीने में खौलता लहू, अबकी बार जो बरसात ना हुई लटकेगा पेड़ से एक और हरहू। पिछली बरस जब बरसी थी...
Farmers

व्यस्तता

साहेब से मिलने किसान आया है साथ में रेहु मच्छली भी लाया है साहेब व्यस्त हैं कुछ लिखने-पढ़ने में बीच-बीच में चाह की घूंट भी ले लेते...
Ox, Village, Farmer

बस इतना

'Bas Itna', a poem by Abdul Malik Khan मैंने कब कहा कि मुझे कबाब बिरियानी और काजू किशमिश का कलेवा दो तीखी सुगन्ध से सराबोर सतरंगी पोशाक दो, मैंने...
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