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Akhtar Rahi

काला सूरज

कितने रौशन आफ़्ताबों को निगल कर काला सूरज रौशनी के शहर में दाख़िल हुआ सारी काली क़ुव्वतों ने काले सूरज को उठाया दोश पर ख़ुद सभी राहों को रौशन...
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