Tag: Akhtar Sheerani

Akhtar Sheerani

यारो कू-ए-यार की बातें करें

यारो कू-ए-यार की बातें करें फिर गुल ओ गुलज़ार की बातें करें चाँदनी में ऐ दिल इक इक फूल से अपने गुल-रुख़्सार की बातें करें आँखों आँखों में...
Akhtar Sheerani

नन्हा क़ासिद

तिरा नन्हा सा क़ासिद जो तिरे ख़त ले कर आता था न था मालूम उसे किस तरह के पैग़ाम लाता था समझ सकता न था वो...
Akhtar Sheerani

कुछ तो तन्हाई की रातों में सहारा होता

कुछ तो तन्हाई की रातों में सहारा होता तुम न होते न सही ज़िक्र तुम्हारा होता तर्क-ए-दुनिया का ये दावा है फ़ुज़ूल ऐ ज़ाहिद बार-ए-हस्ती तो ज़रा...
Akhtar Sheerani

वो कभी मिल जाएँ तो क्या कीजिए

वो कभी मिल जाएँ तो क्या कीजिए रात दिन सूरत को देखा कीजिए चाँदनी रातों में इक इक फूल को बे-ख़ुदी कहती है सजदा कीजिए जो तमन्ना बर...
Akhtar Sheerani

आँसू

मेरे पहलू में जो बह निकले तुम्हारे आँसू बन गए शाम-ए-मोहब्बत के सितारे आँसू देख सकता है भला कौन ये पारे आँसू मेरी आँखों में न आ...
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