Tag: Altaf Hussain Hali
बात कुछ हम से बन न आई आज
बात कुछ हम से बन न आई आज
बोल कर हम ने मुँह की खाई आज
चुप पर अपनी भरम थे क्या क्या कुछ
बात बिगड़ी बनी...
हक़ वफ़ा के जो हम जताने लगे
हक़ वफ़ा के जो हम जताने लगे
आप कुछ कह के मुस्कुराने लगे
था यहाँ दिल में तान-ए-वस्ल-ए-अदू
उज़्र उन की ज़बाँ पे आने लगे
हम को जीना...
वाँ अगर जाएँ तो ले कर जाएँ क्या
वाँ अगर जाएँ तो ले कर जाएँ क्या
मुँह उसे हम जा के ये दिखलाएँ क्या
दिल में है बाक़ी वही हिर्स-ए-गुनाह
फिर किए से अपने हम...
मिट्टी का दिया
झुटपुटे के वक़्त घर से एक मिट्टी का दिया
एक बुढ़िया ने सर-ए-रह ला के रौशन कर दिया
ताकि रह-गीर और परदेसी कहीं ठोकर न खाएँ
राह...