Tag: Amandeep Panwar

रात में धरोहर स्थल

बरसों से स्तम्भ किरणें पी-पीकर भर जातें होंगे इनमे सब रंग; अकेले सह कर दूर रह-रहकर अपनी ही सीमाओं में घिरकर भीतर ही गहराईयों में बना लेते होंगे ये सुरंग; आँगन में...
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