Tag: Bolta Kagaz

Mudit Shrivastava

पेड़

1 जितनी बारिश मुझ पर बरसी, उतना ही पानी सहेजे रखा जितना भी पानी जड़ों से खींचा, उतना ही बादलों को दिया जितना भी दे पाया बादलों को. उतनी ही बारिश तुम पर भी बरसी सहेजा गया और...
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