Tag: Devendra Ahirwar
दो पीढ़ियाँ
वो एक रिदम में लड़ते थे
उसी रिदम में मान जाते थे
और जीने लगते थे साथ दूसरी रिदम में,
तीसरी रिदम में कभी-कभी सुनाई देता था...
प्रेम गाथा
हथेलियाँ मिलीं,
हथेलियाँ मिलने लगीं,
शहर हथेलियों में घूमने लगा।
फिर एक दिन उंगलियाँ मिलीं,
और उंगलियाँ भी मिलने लगीं,
अब शहर का वो हिस्सा उंगलियों ने घूमा
जो हथेलियों...
फ्रेंड रिक्वेस्ट
हम पुराने दोस्त थे,
हम बहुत पुराने दोस्त थे,
साथ-साथ पढ़े, साथ-साथ खेले
और साथ में बचपन की परीक्षा पास कर के जवानी में दाख़िला लिया,
साथ-साथ भारी...