Tag: Dilawar Figar
हुस्न पर ऐतबार हद कर दी
हुस्न पर ऐतबार हद कर दी
आप ने भी 'फ़िगार', हद कर दी
आदमी शाहकार-ए-फ़ितरत है
मेरे परवर-दिगार, हद कर दी
शाम-ए-ग़म सुब्ह-ए-हश्र तक पहुँची
ऐ शब-ए-इंतिज़ार, हद कर...
कराची की बस
बस में लटक रहा था कोई हार की तरह
कोई पड़ा था साया-ए-दीवार की तरह
सहमा हुआ था कोई गुनाहगार की तरह
कोई फँसा था मुर्ग़-ए-गिरफ़्तार की...