Tag: Existence
होने की सुगन्ध
यही तो घर नहीं और भी रहता हूँ
जहाँ-जहाँ जाता हूँ, रह जाता हूँ
जहाँ-जहाँ से आता हूँ, कुछ रहना छोड़ आता हूँ
जहाँ सदेह गया नहीं
वहाँ...
अपना अभिनय इतना अच्छा करता हूँ
'Apna Abhinay Itna Achchha Karta Hoon', a poem by Naveen Sagar
कविता संग्रह 'जब ख़ुद नहीं था' से
घर से बाहर निकला
फिर अपने बाहर निकल कर
अपने...