Tag: Food Shaming

तुम्हारा माँस-मछली खाना

'Tumhara Maans Machhli Khana', a poem by Ritika Srivastava 'सुनो तुम तो खाती नहीं होंगी माँस और मछली' फिर गर्व से उसने कहा- नहीं, नहीं छूती मैं कई...
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