Tag: Jigar Moradabadi
आदमी आदमी से मिलता है
आदमी आदमी से मिलता है
दिल मगर कम किसी से मिलता है
भूल जाता हूँ मैं सितम उस के
वो कुछ इस सादगी से मिलता है
आज क्या...
अब तो ये भी नहीं रहा एहसास
अब तो ये भी नहीं रहा एहसास
दर्द होता है या नहीं होता
इश्क़ जब तक न कर चुके रुस्वा
आदमी काम का नहीं होता
टूट पड़ता है...
बराबर से बच कर गुज़र जाने वाले
बराबर से बच कर गुज़र जाने वाले
ये नाले नहीं बे-असर जाने वाले
नहीं जानते कुछ कि जाना कहाँ है
चले जा रहे हैं मगर जाने वाले
मिरे...
वो जो रूठें यूँ मनाना चाहिए
वो जो रूठें यूँ मनाना चाहिए
ज़िंदगी से रूठ जाना चाहिए
हिम्मत-ए-क़ातिल बढ़ाना चाहिए
ज़ेर-ए-ख़ंजर मुस्कुराना चाहिए
ज़िंदगी है नाम जोहद ओ जंग का
मौत क्या है भूल जाना...