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Kaifi Azmi

प्यार का जश्न

प्यार का जश्न नयी तरह मनाना होगा ग़म किसी दिल में सही, ग़म को मिटाना होगा। काँपते होंठों पे पैमान-ए-वफ़ा क्या कहना तुझको लायी है कहाँ लग़्ज़िश-ए-पा क्या कहना मेरे घर...
Kaifi Azmi

नज़राना

तुम परेशान न हो, बाब-ए-करम वा न करो और कुछ देर पुकारूँगा, चला जाऊँगा उसी कूचे में जहाँ चाँद उगा करते हैं शब-ए-तारीक गुज़ारूँगा, चला जाऊँगा रास्ता भूल...
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