Tag: Khwaja Hasan Nizami
लाख नाऊ नहीं, करोड़ नाऊ
"लखनऊ की निस्बत सुना है, पहले वहाँ नाई आबाद थे और उनकी एक लाख की बस्ती थी, लाख नाई से लाख नाऊ हुआ और लाख नाऊ से लखनऊ बन गया।"
टब का समुंदर
"टिड्डा साहब टब के समुंद्र में जान दे रहे हैं। आरज़ू ये है कि मजनूँ और फ़रहाद के रजिस्टर में उनका नाम भी लिखा जाए। डूब कर मरने का सिला उनको ही मिले। हर्गिज़ नहीं, मैं तुझको मरने ही न दूँगा। ज़िंदा निकाल कर फेंक दूँगा। देखो क्योंकर तेरा नाम दफ़्तर-ए-इश्क़ में लिखा जाएगा।"
मिस चिड़िया की कहानी
एक चिड़िया से उसका एक अंडा टूट जाने पर चिड़ा गुस्सा होकर चिड़िया को सुनाने लगता है.. लेकिन चिड़िया उस चिड़े को ऐसा जवाब देती है कि चिड़ा अवाक! और जब बचे हुए अंडे से मिस छोटी चिड़िया जन्म लेती हैं तो उसकी बातें सुनकर चिड़ा और चिड़िया दोनों अवाक! इस अवाक होने का कारण पढ़िए इस बेहतरीन हास्य-व्यंग्य में!
इश्क़बाज़ टिड्डा
हज़ारों लाखों नन्ही सी जान के कीड़ों पतिगों में टिड्डा एक बड़े जिस्म और बड़ी जान का इश्क़बाज़ है और परवाने आते हैं तो...
प्यारी डकार
"चाहता ये हूँ कि अपने तूफ़ानी पेट के बादलों को हल्क़ में बुलाऊँ और पूरी गरज के साथ बाहर बरसाऊँ। यानी कड़ाके दार डकार लूँ। पर क्या करूँ ये नए फ़ैशन वाले मुझको ज़ोर से डकार लेने नहीं देते। कहते हैं डकार आने लगे तो होंटों को भीच लो और नाक के नथुनों से उसे चुपचाप उड़ा दो। आवाज़ से डकार लेनी बड़ी बे-तहज़ीबी है।"