Tag: Labour Class
शिव कुशवाहा की कविताएँ
दुनिया लौट आएगी
निःशब्दता के क्षणों ने
डुबा दिया है महादेश को
एक गहरी आशंका में
जहाँ वीरान हो चुकी सड़कों पर
सन्नाटा बुन रहा है एक भयावह परिवेश
एक...
कविताएँ – मई 2020
चार चौक सोलह
उन्होंने न जाने कितनी योनियाँ पार करके
पायी थी दुर्लभ मनुष्य देह
पर उन्हें क्या पता था कि
एक योनि से दूसरी योनि में पहुँचने के
कालान्तर से...
क्षणिकाएँ : मदन डागा
कुर्सी
कुर्सी
पहले कुर्सी थी
फ़क़त कुर्सी,
फिर सीढ़ी बनी
और अब
हो गई है पालना,
ज़रा होश से सम्भालना!
भूख से नहीं मरते
हमारे देश में
आधे से अधिक लोग
ग़रीबी की रेखा के...