Tag: Labour Class

Shiv Kushwaha

शिव कुशवाहा की कविताएँ

दुनिया लौट आएगी निःशब्दता के क्षणों ने डुबा दिया है महादेश को एक गहरी आशंका में जहाँ वीरान हो चुकी सड़कों पर सन्नाटा बुन रहा है एक भयावह परिवेश एक...
Nitesh Vyas

कविताएँ – मई 2020

चार चौक सोलह उन्होंने न जाने कितनी योनियाँ पार करके पायी थी दुर्लभ मनुष्य देह पर उन्हें क्या पता था कि एक योनि से दूसरी योनि में पहुँचने के कालान्तर से...
Madan Daga

क्षणिकाएँ : मदन डागा

कुर्सी कुर्सी पहले कुर्सी थी फ़क़त कुर्सी, फिर सीढ़ी बनी और अब हो गई है पालना, ज़रा होश से सम्भालना! भूख से नहीं मरते हमारे देश में आधे से अधिक लोग ग़रीबी की रेखा के...
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