Tag: Old Age

Devesh Path Sariya

प्रेम को झुर्रियाँ नहीं आतीं

बुढ़िया ने गोद में रखा अपने बुड्ढे का सिर और मालिश करने लगी सिर के उस हिस्से में भी जहाँ से बरसों पहले विदा ले चुके थे बाल दोनों को...
Old man talking

सीनियर सिटिज़न उर्फ़ सिक्सटी प्लसजी

अब तो करवा लो बीमा। महँगा नहीं है। टीवी पर इंश्योरेंस वाले भाईसाहब दिन-भर अपनत्व भरा उलाहना देते रहते हैं। ड्राइंगरूम के काउच पर...
Priyamvad

पलंग

उस साल जब पलाश की नंगी छितरी शाखों पर पहला फूल खिला, तब माँ पूरी तरह स्वस्थ थी। जब पूरा पेड़ दहकता जंगल बन...
Old age, Loneliness, Room, Woman

बीना अम्मा के नाम

दिन के दूसरे पहर जब सो चुका होता दुआरे का शमी महुए थक जाते किसी बिसाती की बाट जोहते हुए पोखरे का पानी ठहर जाता गरड़िये के...
Javed Akhtar

मेले

बाप की उँगली थामे इक नन्हा-सा बच्चा पहले-पहल मेले में गया तो अपनी भोली-भाली कंचों जैसी आँखों से इक दुनिया देखी ये क्या है और वो क्या है सब उसने पूछा बाप...
Nirmal Gupt

रेहन पर बीमार बूढ़ा

बीमार बूढ़े के दोनों पैर बंधे हैं अस्पताल के पलंग से इलाज का बिल चुकाए बिना कहीं वह देह से फ़रार न हो जाए हाथ उसके...
Harivansh Rai Bachchan

तीसरा हाथ

एक दिन कातर हृदय से, करुण स्वर से, और उससे भी अधिक डब-डब दृगों से, था कहा मैंने कि मेरा हाथ पकड़ो क्योंकि जीवन पन्थ के अब कष्ट एकाकी नहीं जाते सहे और तुम भी...
Old Woman

दादी माँ

'Dadi Maa', a poem by Kailash Manhar सीलन भरी कोठरी के अँधेरे कोने में कुछ चिथड़े बिखरे हैं लाल, पीले, काले, सफ़ेद सादे और फूलोंदार घाघरे लूगड़ी और सूती धोतियाँ पेटीकोट कुछ अपने...
Old woman, Old age

उम्र के साथ-साथ

'Umr Ke Sath Sath', a poem by Nirmal Gupt उम्र चेहरे तक आ पहुँची कण्ठ में भी शायद जिह्वा पर अम्ल बरक़रार है शेष है अभी भी हथेलियों...
Old Man with tea, Old Age

साठ पार का आदमी

'Saath Paar Ka Aadmi', a poem by Nirmal Gupt साठ पार के आदमी को घुटने मोड़ कर चारपाई पर बैठे रहना चाहिए उठते-बैठते हर बार ज़ोर से कराहना...
Maya Angelou

मुझे मत दिखाना अपनी दया

'On Aging', a poem by Maya Angelou, from 'And Still I Rise' अनुवाद: अनुराग तिवारी जब तुम मुझे ऐसे शांत बैठे देखोगे जैसे अलमारी में छूटा कोई...
Old Man with tea, Old Age

चाय की दुकान और बूढ़ा

नुक्कड़ वाली चाय की दुकान में, सुबह, मुँह अँधेरे ही आ जाती है जब एक बीमार बूढ़ा वहाँ चला आता है अपने पाँव घसीटता। एक ठण्डी रात में से गुज़रकर ज़िन्दा...
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