Tag: Poem of Haikus

ऋतु शरद

सुस्वागतम् ऋतु शरद! आओ सुस्वागतम् । मूँज-पुष्प सा शरद दिवस, है धूसर वर्णी । पवन-पाश में, हिम अकुलाई काँपे सर्वस्व। गहन निशा के मुख पे पावक का उबटन । ओस मदित कचनार गुलाबी हुए मुदित । यूकेलिप्टस के प्रसून उड़ेलें तीक्ष्ण...
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