Tag: Prem Prakash
एबॉर्शन
"ओहह... तब तो सब जान जाएँगे... दिवाकर सबकुछ मैनेज कर लेना चाहते हैं। शैलजा बेड पर बेचैन हो रही है। डॉक्टर आकर देख गयी है। दिवाकर को बाहर जाने को कह दिया गया है। ये औरतों का वार्ड है। दरवाजे के शीशे से नज़रें गड़ाए दिवाकर का ध्यान पत्नी की हरकतों पर है। सांस टंगी हुई है दिवाकर की।"