Tag: Progressive

Man and monkey sitting

आदमी है बन्दर

'Aadmi Hai Bandar', a poem by Jitendra आदमी है बन्दर बाहर से जाने कैसा और जाने कैसा अन्दर! तरह-तरह से नाच रहा है आकाओं के आगे उछल-कूदकर दिखा रहा...
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