Tag: Sant Prasad
जीना मुश्किल, मरना आसान हो गया
जीना मुश्किल, मरना आसान हो गया
हर दूसरा घर कोई श्मशान हो गया
माँ कहीं, बाप कहीं, बेटा कहीं, बेटी कहीं
एक ही घर में सब अन्जान...
पर सोना चाहता हूँ अब, आज की रात रहने दो
आज ना ही आओ मिलने, ये मुलाकात रहने दो,
कुछ देर को मुझको, आज मेरे ही साथ रहने दो,
अन्धेरों की, उजालों की, हवाओं की, चिरागों...
इस जिन्दगी को उसने संवरने नहीं दिया
ये जिन्दगी की जंग हार के चले हैं हम
इस जिन्दगी को उसने संवरने नहींं दिया
तिनके की क्या औकात आंधियों के सामने
उड़ते बवंड़रो ने सम्भलने...