Tag: Sharad Billore

Sharad Billore

पत्थर

छैनी और हथौड़े के संघर्ष सारे वातावरण में डायनामाइट के धमाकों के बीच बहुत भीतर तक टूट-टूटकर पत्थर कितने ज़्यादा ऊब गए हैं हमेशा-हमेशा दीवार होते रहने से पता नहीं कब...
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हम आज़ाद हैं

सतरंगे पोस्टर चिपका दिए हैं हमने दुनिया के बाज़ार में कि हम आज़ाद हैं। हम चीख़ रहे हैं चौराहों पर हम आज़ाद हैं हम आज़ाद हैं क्योंकि हमने भूख से मरते क़र्ज़ के नीचे...
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भाषा

पृथ्वी के अन्दर के सार में से फूटकर निकलती हुई एक भाषा है बीज के अँकुराने की। तिनके बटोर-बटोरकर टहनियों के बीच घोंसला बुने जाने की भी एक भाषा है। तुम्हारे...
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मैं गाँव गया था

मैं अभी गाँव गया था केवल यह देखने कि घर वाले बदल गए हैं या अभी तक यह सोचते हैं कि मैं बड़ा आदमी बनकर लौटूँगा। रास्ते में सागौन पीले...
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