Tag: Story on Casteism

Upendranath Ashk

डाची 

छोटी बच्ची रज़िया को 'डाची' पर बैठने का शौक है, जिसे पूरा करने के लिए बाकर डेढ़ साल से जी-तोड़ मेहनत कर रहा था और आज मंडी से डाची खरीदकर ला रहा है.. रज़िया इंतज़ार में है और बाकर घर पहुँचने को व्याकुल.. क्या आप सोच सकते हैं कि एक बाप और बेटी की मांग और पूर्ति के बीच भी वर्ग और जाति आ सकती है?
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