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एक दिन अश्रुओं के सैलाब से बच जायेगी दुनिया
'Ek Din Ashruon Ke Sailab Se Bach Jayegi Duniya', a poem by Vineeta Parmar
रोना एक कला है और आँसू विज्ञान
उसे कहते लड़कियों जैसा रोना मत।
तुम...
डॉ विनीता परमार द्वारा संयोजित ‘धप्पा’
विवरण: इंदिरा गाँधी बालिका विद्यालय, हजारीबाग की पूर्ववर्ती छात्राओं ने मिलकर यह किताब लिखी है। यादों की रोशनाई को आत्मीयता के कलम में भरकर। इसमें...