दुःख करने का असली कारण है : पैसा—
पहले से कम चीज़ें ख़रीदता है।
कश्मीरी सेव दिल के मरीज़ को चाहिए
तो क्या हुआ? परिश्रम अब पहले से कम
पैसे ख़रीदता है। हम सबके लिए काम
इतना ही बचा है कि सुबह वक़्त पर शेव
कर सकें। शाम को घर में चाय, और
पड़ोसिनों के बारे में घरेलू कहानियाँ,
हज़ार छोटे दंगे-फ़साद होते हैं, इतिहास
और आर्थिक सभ्यता को उजागर करने
के लिए—एक बड़ी लड़ाई नहीं होती।
आदमी केले ख़रीदने में व्यस्त रहता है,
(और) बीते हुए, और नहीं बीते हुए
के बीच कड़ी बनकर एक छोटी-सी
मक्खी पड़ी रहती है, चाय के अध-ख़ाली
प्याले में!