‘Lifedance’, a poem by Charles Bukowski
अनुवाद: सुमित
जो हिस्सा मस्तिष्क और आत्मा को विभाजित करता है
वो कई कारणों से अनुभवों से प्रभावित होता है ―
जो सारी चेतना खोकर आत्मा बनते हैं, वो होते है:
पागल!
जो सारी आत्मा खोकर चेतना बनते हैं, वो होते है:
बुद्धिजीवी!
और जो इन दोनों को खो देते हैं, वो होते है:
स्वीकृत!
यह भी पढ़ें: को उन की कविता ‘कान’