वे, जिनके प्रेम पूरे हो जाते हैं,
प्रेम के सबसे असुरक्षित पहरुए होते हैं
अकेले खड़े पेड़ों की छाँव सबसे घनी लगती है
तुम मेरे ख़ालीपन के बीज से उगा पेड़ हो
मेरी हसरतें तुम्हारा अनचाहा खाद हैं
मैं तुममें सबसे नीचे लटका फल हूँ
इतना कि तुम्हारी ऊँचाई में तुम्हें ओझल दिखता होऊँगा
ख़ालीपन भी बहुत सी चीज़ों को जिलाये रखता है
तलहटी में बची आख़िरी बूँद में चिपकी होती है हमारे मन की सबसे ज़रूरी तृप्ति
जीवन-सिगरेट का आख़िरी कश समझकर मैं तुम्हें नहीं उसाँसता
कि तुमने ही कहा था आख़िरी कश सबसे ज़्यादा बुरे होते हैं
कहीं न जाने वाले स्टेशन
कितनी यात्राओं की स्थिर स्मृति होते हैं
जिनके स्टेशन यहाँ-वहाँ हो जाते हैं
वे यात्राएँ कैसी उलझी स्मृतियाँ पाती होंगी
तुम गुलाबी ठंड के मौसम की तरह हो कि
तुम्हारी स्मृतियों के हॉफ स्वेटर में रहो तो तुम्हारे स्पर्श की गरमी देह पर लगती है
बाहर निकल आओ तो आत्मा के छुपे रोंगटे खड़े रहते हैं
मैं तुम्हारी देह के ऐसे सीमांत में रहता हूँ
जहाँ मेरी छाती तुम्हारे सामने से लगभग सटी है
और इस तरह हमारे दिल अलग-अलग तरफ़ धड़कते हैं
फिर भी मेरी पीठ को तुम्हारे बाहुपाश का इंतज़ार है
वे, जिनके प्रेम पूरे नहीं होते,
बेहद चौकन्ने होते हैं।