सरदार वल्लभभाई पटेल के कुछ विचार | Sardar Vallabhbhai Patel Quotes in Hindi

 

“सबसे दुःखी मनुष्य में भगवान का वास होता है, वह महलों में नहीं रहता।”

 

“उतावले उत्साह से बड़ा परिणाम निकलने की आशा नहीं रखनी चाहिए।”

 

“कठिन समय में कायर बहाना ढूँढते हैं तो वहीं बहादुर व्यक्ति रास्ता खोजते हैं।”

 

“कठोर-से-कठोर हृदय को भी प्रेम से वश में किया जा सकता है।”

 

“थका हुआ इंसान दौड़ने लगे तो स्थान पर पहुँचने के बजाय जान गँवा बैठता है, ऐसे समय पर आराम करना और आगे बढ़ने की ताक़त जुटाना उसका धर्म हो जाता है।”

 

“इस मिट्टी में कुछ अनूठा है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है।”

 

“मेरी एक ही इच्छा है कि भारत एक अच्छा उत्पादक हो और इस देश में अन्न के लिए आँसू बहता हुआ कोई भूखा न हो।”

 

“आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आँखों को क्रोध से लाल होने दीजिए, और अन्याय का मज़बूत इरादों से सामना कीजिए।”

 

“एकता के बिना जनशक्ति शक्ति नहीं है जबतक उसे ठीक तरह से सामंजस्य में न लाया जाए और एकजुट न किया जाए, और तब यह आध्यात्मिक शक्ति बन जाती है।”

 

“शक्ति के अभाव में विश्वास किसी काम का नहीं है। विश्वास और शक्ति दोनों किसी महान काम को करने के लिए अनिवार्य हैं।”

 

“अगर हमारी करोड़ों की दौलत भी चली जाए और हमारा जीवन बलिदान हो जाए, तब भी हमें मुस्कुराते रहना चाहिए और ईश्वर एवं सत्य में विश्वास रखकर प्रसन्न रहना चाहिए।”

 

“जो कोई भी सुख और दुःख का समान रूप से स्वागत करता है, वास्तव में वही सर्वोच्च जीवन जीता है।”

 

“जब तक एक इंसान अपने अन्दर के बच्चे को बचाए रख सकता है तभी तक जीवन उस अंधकारमयी छाया से दूर रह सकता है जो इंसान के माथे पर चिंता की रेखाएँ छोड़ जाती है।”

 

“अगर आप आम के फल को समय से पहले ही तोड़ कर खा लेंगे, तो वह खट्टा ही लगेगा। लेकिन वहीं आप उसे थोड़ा समय देते हैं तो वह ख़ुद-ब-ख़ुद पककर नीचे गिर जाएगा और आपको अमृत के समान लगेगा।”

 

“अधिकार मनुष्य को तब तक अँधा बनाये रखेंगे, जब तक मनुष्य उस अधिकार को प्राप्त करने हेतु मूल्य न चुका दे।”

 

“अपने जीवन में हम जो कुछ कर पाते हैं, वह कोई बड़ी बात नहीं, जिसके लिए हम ग़ुरूर कर सकें, क्योंकि जो कुछ हम करते हैं, उस में हमारा क्या भाग है? असल में कराने वाला तो ईश्वर है।”

 

“अविश्वास भय का प्रमुख कारण होता है।”

 

“आत्मा को गोली या लाठी नहीं मार सकती, दिल के भीतर की असली चीज़ इस आत्मा को कोई हथियार नहीं छू सकता।”

 

“आपके घर का प्रबंध दूसरों को सौंपा गया हो तो यह कैसा लगता है- यह आपको सोचना है। जब तक प्रबंध दूसरों के हाथ में है तब तक परतन्त्रता है और तब तक सुख नहीं।”

 

“आपको अपना अपमान सहने की कला आनी चाहिए।”

 

“आलस्य छोड़िये और बेकार मत बैठिये क्योंकि हर समय काम करने वाला अपनी इन्द्रियों को आसानी से वश में कर लेता है।”

 

“इंसान जितने सम्मान के लायक़ हो, उतना ही उसका सम्मान करना चाहिए, उससे अधिक नहीं करना चाहिए नहीं तो उसके नीचे गिरने का डर रहता है।”

 

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सरदार वल्लभ भाई पटेल
सरदार वल्लभ भाई पटेल (31 अक्टूबर, 1875 - 15 दिसंबर, 1950) भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। भारत की आजादी के बाद वे प्रथम गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री बने। बारडोली सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे पटेल को सत्याग्रह की सफलता पर वहाँ की महिलाओं ने सरदार की उपाधि प्रदान की। आजादी के बाद विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत के भू-राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए पटेल को भारत का बिस्मार्क और लौह पुरूष भी कहा जाता है।