Tag: Ali Sardar Jafri
निवाला
माँ है रेशम के कारख़ाने में
बाप मसरूफ़ सूती मिल में है
कोख से माँ की जब से निकला है
बच्चा खोली के काले दिल में है
जब...
कौन आज़ाद हुआ
कौन आज़ाद हुआ?
किसके माथे से ग़ुलामी की सियाही छूटी?
मेरे सीने में अभी दर्द है महकूमी का
मदर-ए-हिन्द के चेहरे पे उदासी है वही
ख़ंजर आज़ाद हैं...
नींद
रात ख़ूबसूरत है
नींद क्यूँ नहीं आती!
दिन की ख़शम-गीं नज़रें
खो गईं सियाही में
आहनी कड़ों का शोर
बेड़ियों की झंकारें
क़ैदियों की साँसों की
तुंद-ओ-तेज़ आवाज़ें
जेलरों की बदकारी
गालियों की...
तुम नहीं आए थे जब
तुम नहीं आए थे जब, तब भी तो मौजूद थे तुम
आँख में नूर की और दिल में लहू की सूरत
दर्द की लौ की तरह,...
तू मुझे इतने प्यार से मत देख
तू मुझे इतने प्यार से मत देख
तेरी पलकों के नर्म साए में
धूप भी चाँदनी सी लगती है
और मुझे कितनी दूर जाना है..
रेत है गर्म...