Tag: Ameer Minai

Ameer Minai

जब से बुलबुल तू ने दो तिनके लिए

जब से बुलबुल तू ने दो तिनके लिए टूटती हैं बिजलियाँ इन के लिए है जवानी ख़ुद जवानी का सिंगार सादगी गहना है इस सिन के लिए कौन...
Ameer Minai

हँस के फ़रमाते हैं वो देख के हालत मेरी

हँस के फ़रमाते हैं वो देख के हालत मेरी क्यूँ तुम आसान समझते थे मोहब्बत मेरी बअ'द मरने के भी छोड़ी न रिफ़ाक़त मेरी मेरी तुर्बत से...
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पहले तो मुझे कहा निकालो

पहले तो मुझे कहा निकालो फिर बोले ग़रीब है बुला लो बे-दिल रखने से फ़ाएदा क्या तुम जान से मुझ को मार डालो उस ने भी तो देखी...
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सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता

सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता निकलता आ रहा है आफ़्ताब आहिस्ता आहिस्ता जवाँ होने लगे जब वो तो हमसे कर लिया पर्दा हया यकलख़्त...
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