Tag: Barish Mein Khandhar

Nand Kishore Acharya

ओछा है मेरा प्यार

कितना अकेला कर देगा मेरा प्यार तुमको एक दिन अकेला और सन्तप्त अपनी समूची देह से मुझे सोचती हुईं तुम जब मुस्कुराओगी—औपचारिक! प्यार मैं तुम्हें तब भी करता रहूँगा शायद...
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