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कविताएँ: दिसम्बर 2020
लड़कियों का मन कसैला हो गया है
इन दिनों
लड़कियों का मन कसैला हो गया है
अब वह हँसती नहीं
दुपट्टा भी लहराती नहीं
अब झूला झूलती नहीं
न ही...
ज्योतिराव फुले की ‘निर्भीकता का एक प्रेरक प्रसंग’
"ज्योतिबा एक किसान की वेशभूषा में आए थे। प्रवेश द्वार पर खड़े लोगों ने उन्हें भीतर नहीं जाने दिया। ज्योतिबा ने उन्हें निमंत्रण पत्र भी दिखाया। पर लोग नहीं माने।"