Tag: Elections

War, Blood, Mob, Riots

भीड़

'Bheed', a poem by Adarsh Bhushan भीड़ ने सिर्फ़ भिड़ना सीखा है, दस्तक तो सवाल देते हैं भूखी जून के अंधे बस्त के टूटे विश्वास के लंगड़े तंत्र के लाइलाज स्वप्न के- कि इस बार चुनाव...
Gorakh Pandey

दंगा

'Danga', poems by Gorakh Pandey 1 आओ भाई बेचू, आओ आओ भाई अशरफ़, आओ मिल-जुल करके छुरा चलाओ मालिक रोज़गार देता है पेट काट-काटकर छुरा मँगाओ फिर मालिक की दुआ मनाओ अपना-अपना धरम...
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