Tag: Faiz Ahmad Faiz

Faiz Ahmad Faiz

पास रहो

तुम मेरे पास रहो मेरे क़ातिल, मेरे दिलदार, मेरे पास रहो जिस घड़ी रात चले, आसमानों का लहू पी के सियह रात चले मरहम-ए-मुश्क लिए, नश्तर-ए-अल्मास लिए बैन करती हुई, हँसती...
Faiz Ahmad Faiz

दर्द आएगा दबे पाँव

और कुछ देर में जब फिर मेरे तन्हा दिल को फ़िक्र आ लेगी कि तन्हाई का क्या चारा करे दर्द आएगा दबे पाँव लिए सुर्ख़ चराग़ वो जो...
Faiz Ahmad Faiz

इस वक़्त तो यूँ लगता है

इस वक़्त तो यूँ लगता है, अब कुछ भी नहीं है महताब न सूरज, न अँधेरा न सवेरा आँखों के दरीचों पे किसी हुस्न की चिलमन और...
Faiz Ahmad Faiz

इन्तिसाब

आज के नाम और आज के ग़म के नाम आज का ग़म कि है ज़िन्दगी के भरे गुलसिताँ से ख़फ़ा ज़र्द पत्तों का बन ज़र्द पत्तों का बन जो मिरा...
Faiz Ahmad Faiz

कुत्ते

ये गलियों के आवारा बेकार कुत्ते कि बख़्शा गया जिनको ज़ौक़-ए-गदाई ज़माने की फटकार सरमाया इनका जहाँ-भर की दुत्कार इनकी कमाई न आराम शब को, न राहत सवेरे ग़लाज़त...
Faiz Ahmad Faiz

गुलों में रंग भरे, बाद-ए-नौ-बहार चले

गुलों में रंग भरे, बाद-ए-नौ-बहार चले चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले क़फ़स उदास है यारो सबा से कुछ तो कहो कहीं तो बहर-ए-ख़ुदा आज...
Faiz Ahmad Faiz

चंद रोज़ और मेरी जान

चंद रोज़ और मेरी जान फ़क़त चंद ही रोज़ ज़ुल्म की छाँव में दम लेने पे मजबूर हैं हम और कुछ देर सितम सह लें, तड़प...
Patras Bukhari, Faiz Ahmad Faiz

बुख़ारी साहब

'Bukhari Sahab', a Memoir (Sansmaran) by Faiz Ahmad Faiz ..."दोस्ती तनदिही और मुस्तैदी का नाम है यारो, मुहब्बत तो योंही कहने की बात है। देखो...
Faiz Ahmad Faiz

तुम अपनी करनी कर गुज़रो

अब क्यूँ उस दिन का ज़िक्र करो जब दिल टुकड़े हो जाएगा और सारे ग़म मिट जाएँगे जो कुछ पाया खो जाएगा जो मिल न सका वो पाएँगे ये...
Faiz Ahmad Faiz

मुझसे पहली सी मुहब्बत मेरे महबूब न माँग

मुझसे पहली सी मुहब्बत मेरी महबूब न माँग मैंने समझा था कि तू है तो दरख़्शाँ है हयात तेरा ग़म है तो ग़मे-दहर का झगड़ा क्या...
Faiz Ahmad Faiz

बोल

बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे बोल ज़बाँ अब तक तेरी है तेरा सुत्वाँ जिस्म है तेरा बोल कि जाँ अब तक तेरी है देख कि आहन-गर की...
Faiz Ahmad Faiz

हम देखेंगे

'Hum Dekhenge', a nazm by Faiz Ahmad Faiz हम देखेंगे लाज़िम है कि हम भी देखेंगे वो दिन कि जिसका वादा है जो लौह-ए-अज़ल में लिख्खा है जब ज़ुल्म-ओ-सितम...
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