Tag: First Poem

Rajkamal Chaudhary

पहली कविता की आख़िरी शाम

पहली कविता की आख़िरी शाम नीले दरख़्तों के साए में तुम्हारे बेचैन हाथ पीले पड़ते हुए। क्राटन के लम्बे पत्तों की तरह हिलते हैं यों दरख़्त भव्य काले हैं घनी...

वो पहली कविता

??? जब सूरज देर से उगता है चांदनी दुपहरी तक रुकती है तितलियों के बिछलते पंख मिलकर साजों से बजते हैं असंख्य मधुर तान उठती है गुलालों से भरी हथेलियों...
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