Tag: Gulab Khandelwal

Gulab Khandelwal

कहाँ तक जायेगी झंकार?

कहाँ तक जायेगी झंकार? घर-आँगन, पुर, प्रांत, देश तक या उसके भी पार? प्रेमी, भक्त, विदग्ध वियोगी जिसमें भी व्याकुलता होगी क्या न वही बनकर सहभोगी, छेड़ेगा ये...
कॉपी नहीं, शेयर करें! ;)