Tag: Hundred Years Later

Bharat Bhushan Agrawal

आने वालों से एक सवाल

तुम, जो आज से पूरे सौ वर्ष बाद मेरी कविताएँ पढ़ोगे तुम, मेरी धरती की नयी पौध के फूल तुम, जिनके लिए मेरा तन-मन खाद बनेगा तुम, जब मेरी...
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