Tag: Indra Vaswani

Rose, Flower, Hand

कुछ लघु काव्य

रूपान्तर: नामदेव 1 एकलव्य की गुरु-दक्षिणा: लटका दो— सर द्रोणाचार्य का युगों तक! 2 दर्द ने मेरा सीना चीरकर मौत को टाल दिया! 3 सिन्धु! तेरे सीने पर छोड़े हैं पद-चिह्न अपनी तहज़ीब के! 4 सूर्य को जब हथेली से न ढाँक...
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