Tag: Inspirational Poem

Ramavtar Tyagi

जब मिलेगी, रोशनी मुझसे मिलेगी

इस सदन में मैं अकेला ही दिया हूँ मत बुझाओ! जब मिलेगी, रोशनी मुझसे मिलेगी! पाँव तो मेरे थकन ने छील डाले अब विचारों के सहारे चल रहा...
Prem Shankar Raghuvanshi

हथेलियाँ

नहीं बनवाई कभी पेड़ों ने जन्मकुंडली अपनी ना पत्तों ने दिखलाईं भाग्य रेखाएँ किसी को धूल भरी स्याह आँधियाँ पोर-पोर उजाड़ जातीं उन्हें फिर भी धीरे-धीरे हरे हो उठते पेड़ फिर-फिर गूँज...
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